पथरी का इलाज और बचाव: घरेलू उपाय और आहार | Gurde ki pathri ka ilaj – यह लेख पथरी के कारण, लक्षण, निदान, और इसके उपचार के साथ सही आहार और घरेलू उपायों के बारे में है। जानिए किडनी पथरी से बचने और इसका इलाज करने के बेहद महत्वपूर्ण उपाय और सावधानियां
पथरी क्या होती है? (What is calculus?)
पथरी के बारे में जानकारी जानने के लिए यह जरूरी है कि हम पहले जानें कि पथरी क्या होती है। पथरी एक ऐसी समस्या होती है, जिसमें शरीर के अंदर छोटे-छोटे पत्थर या गांठे बन जाते हैं। ये पत्थर अधिकतर किडनी में बनते हैं लेकिन कभी-कभी ये गुर्दे के बाहर भी हो सकते हैं। इस समस्या के कारण, व्यक्ति की गुर्दे की प्रणाली में दरार पैदा हो जाती है जो गुर्दे (pathri ka ilaj) के पास से पथरी को निकालने के लिए होती है।
पथरी अधिकतर शरीर में मौजूद होने वाले कैल्शियम और ऑक्सेलेट जैसे पदार्थों के जमाव के कारण होती है। यह समस्या आमतौर पर उन लोगों को होती है जो पानी की कमी होने के कारण, ज्यादा आलू और खट्टी चीजें खाते हैं। इसके अलावा, अत्यधिक शराब और सिगरेट पीने से भी इस समस्या का खतरा बढ़ जाता है।
इसलिए, यदि आप इस समस्या से पीड़ित हैं तो आपको इस समस्या के बारे में जानकारी होना जरूरी है ताकि आप इसे जल्द से जल्द संभव हो जाने के लिए उचित उपाय अपना सकें।
पथरी के प्रकार | pathri ka ilaj (Types of stones)
पथरी के अलग अलग प्रकार होते हैं।
- कैल्शियम ऑक्सलेट पथरी – ये पथरियां सबसे अधिक होती हैं और आमतौर पर कैल्शियम ऑक्सलेट नामक एक तत्व से बनी होती हैं। इन पथरियों का आकार 3-4 मिलीमीटर से अधिक नहीं होता है।
- कैल्शियम फॉस्फेट पथरी – ये पथरियां आमतौर पर कैल्शियम फॉस्फेट नामक एक तत्व से बनी होती हैं। इन पथरियों का आकार 3-4 मिलीमीटर से अधिक होता है।
- माग्नीशियम यूरेट पथरी – ये पथरियां माग्नीशियम यूरेट नामक तत्व से बनी होती हैं। इन पथरियों का आकार बड़ा होता है और 5 मिलीमीटर से अधिक होता है।
- सिस्टीन पथरी – ये पथरियां सिस्टीन नामक एक तत्व से बनी होती हैं जो खून में पाए जाने वाले एक प्रकार के एमिनो एसिड होते हैं। इन पथरियों का आकार छोटा होता है और 1 मिलीमीटर से कम होता है।
ये चार प्रकार की पथरियां होती हैं जो अलग–अलग तत्वों से बनती हैं।
पथरी के कारण (Kidney stones)
- शरीर में शूष्कता (dehydration) के कारण पथरी हो सकती है। शरीर में पानी की कमी होने से मूत्र अधिक जमा हो जाता है, जो अंत में पथरी के रूप में निकलता है।
- खुराक के अधिकतम सामान्यता से ऊपर अधिक मिनरल या विटामिन सप्लीमेंट लेने से पथरी हो सकती है।
- एक बदलते वातावरण और खाद्य की आदतों का असावधानी से उपयोग करने से भी पथरी हो सकती है।
- पुरानी या नियमित रूप से सेवन की गई खाद्य सामग्री जैसे जंक फूड, खारा खाना, एक्सेसिव टी और कॉफी, सॉफ्ट ड्रिंक, मैदा, शक्कर और नमक आदि से पथरी हो सकती है।
- जीवाणु संक्रमण या संक्रमण से भी पथरी हो सकती है।
- जिन लोगों को अधिक उम्र होती है, उन्हें यह समस्या ज्यादा होती है।
- कुछ रोगों जैसे मधुमेह, थायराइड रोग, गुर्दे संबंधी समस्याएं आदि के लिए भी यह समस्या अधिक ज्यादा होती है।
ये कुछ मुख्य कारण हैं जो पथरी के होने का कारण बन सकते है ।
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पथरी के लक्षण | Pathri ka ilaj (Symptoms of kidney stones)
पथरी एक ऐसी समस्या है जिसमें गुर्दे में रखी हुई तरल पदार्थ के अंदर से कठोर राइसिनोस की तरह तीखी चीज़ बन जाती है। इसके लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं।
1. पीठ, बाजू, पेट के निचले हिस्से या कमर में तेज दर्द
2. पेशाब में खून आना
3. मतली और उल्टी
4. बार-बार पेशाब आना या पेशाब करने में कठिनाई होना
5. धुंधला, गहरा, खूनी या दुर्गंधयुक्त मूत्र
6. बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना
7. पेशाब के दौरान जलन महसूस होना
8. पेशाब करते समय बेचैनी या दर्द
9. पेशाब गुलाबी, लाल या भूरे रंग का हो
10. बुखार या ठंड लगना
11. थकान या कमजोरी
12. एक छोटा, कंकड़ जैसा द्रव्यमान जिसे निचले पेट या कमर में महसूस किया जा सकता है
13. पेशाब करने में असमर्थता या बहुत कम मात्रा में पेशाब आना
14. वीर्य के साथ पेशाब का निकलना (पुरुषों में)
15. उसंधी दर्द
16.निचली कमर का दर्द
17. उदरीय सूजन
यदि आपको ये लक्षण महसूस होते हैं, तो आपको तुरंत एक विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
पथरी के निदान (Kidney stone diagnosis)
किडनी स्टोन का निदान निम्नलिखित लक्षणों के आधार पर किया जा सकता है:
- पेशाब में खून
- पेट दर्द के साथ जी मिचलाना
- बैठने, लेटने या खड़े होने पर भी बेचैनी महसूस होना
- पेशाब करने में परेशानी का सामना करना
- स्थिति, पथरी की प्रकृति और उसके आकार के बारे में सुनिश्चित करने के लिए डॉक्टर कुछ नैदानिक टेस्ट लिखते है
पथरी के लिए 14 घरेलू उपचार या पथरी का इलाज | Pathri ka ilaj or upchar
अधिकतर लोग चाहते हैं कि वे घर पर ही पथरी का इलाज (pathri ka ilaj)कर सकें। इसके लिए कुछ घरेलू उपचार होते हैं जो कि निम्नलिखित हैं:
1. गिलोय: गिलोय एक बहुत ही प्रभावी औषधि है जो पथरी को दूर करने में मदद करती है। आप इसे गर्म पानी के साथ ले सकते हैं या फिर इसकी गोलियों को भी ले सकते हैं।
2. अदरक: अदरक एक औषधीय गुणों से भरपूर मसाला होता है जो पथरी को नष्ट करने में मदद करता है। आप अदरक को पीसकर इसे पानी में मिला सकते हैं या फिर इसे दूध में घोलकर भी पी सकते हैं।
3. निम्बू पानी: निम्बू पानी में विटामिन सी, पोटैशियम और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो पथरी को नष्ट करने में मदद करते हैं। आप इसे गर्म पानी में मिलाकर पी सकते हैं।
4.पानी: सबसे बेहतर उपचार है पानी का सेवन करना। अगर आप रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पीते हैं तो इससे पथरी नहीं बनती है और उसे नष्ट करने में मदद मिलती है।
5. गुलाब जल – गुलाब के फूलों को पानी में भिगोकर उस पानी को अदरक के साथ मिलाकर पीने से पथरी नष्ट करने में मदद मिलती है।
6. पत्ता गोभी – पत्ता गोभी के रस में शहद मिलाकर पीने से पथरी के टुकड़े पिघलकर निकल जाते हैं।
7. टमाटर – टमाटर के रस में नमक मिलाकर पीने से पथरी के अलग-अलग रंग के टुकड़े पिघलकर निकल जाते हैं।
8.पालक – पालक के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से पथरी और मूत्र संबंधी समस्याओं से राहत मिलती है।
9. खीरे का रस – खीरे के रस में नमक और नींबू का रस मिलाकर पीने से पथरी के टुकड़े पिघलकर निकल जाते हैं।
10. तुलसी: तुलसी के पत्तों को पीसकर उनका रस निकालकर लेने से पथरी और मूत्र संबंधी समस्याओं से राहत मिलती है। इसके अलावा, तुलसी का इस्तेमाल बच्चों के बुखार के इलाज में भी किया जाता है।
11. दही: दही में बैक्टीरिया होते हैं जो मूत्र में मौजूद पथरी को नष्ट करने में मदद करते हैं। आप दही को सीधे खाने के साथ ले सकते हैं या फिर उसमें नमक और काली मिर्च मिलाकर भी खा सकते हैं।
12. गाजर: गाजर के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से पथरी के टुकड़े पिघलकर निकल जाते हैं। आप गाजर को बारीक काटकर उसमें नींबू का रस निकालकर ले सकते हैं।
13. अमरूद के पत्ते: अमरूद के पत्तों को पीसकर रस निकालने के बाद उसमें थोड़ा सा नमक मिलाकर पीने से पथरी और मूत्र संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।
14. अनार: अनार के छिलके को सुखाकर पीस लें और उसमें शक्कर मिलाकर खा लें। इससे पथरी के टुकड़े पिघलते हैं और मूत्र संबंधी समस्याओं से राहत मिलती है।
इन उपचारों को अपनाकर आप अपनी पथरी के निदान में मदद कर सकते हैं।
पथरी से बचने के लिए अपनाएं ये 12 आसान उपाय | Gurde ki pathri ka ilaj or pathri ka gharelu upchar
अगर आप पथरी से बचना चाहते हैं तो आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- पर्याप्त मात्रा में पानी पियें, कम से कम 8-10 गिलास पानी प्रतिदिन पिएं।
- विटामिन सी युक्त आहार लें, जैसे कि अमरूद, नींबू, टमाटर, आंवला, आदि।
- ताजी फल और सब्जियां खाएं, क्योंकि ये पथरी से बचाव में मदद करते हैं।
- ज्यादा वसा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
- सोडियम और ऑक्सलेट से बचने के लिए नमक कम मात्रा में खाएं।
- प्रतिदिन एक गिलास लौकी का जूस पीना फायदेमंद होता है।
- बीयर और अन्य शराब पीने से बचें।
- जीवाणु और संक्रमण से बचने के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखें।
- सड़न या अधिक मजबूत दबाव वाले कपड़े नहीं पहनें।
- व्यायाम करने से पथरी से बचाव हो सकता है।
- कैल्शियम युक्त आहार लें, जैसे कि दूध उत्पाद, पालक, ब्रोकोली आदि।
- लौकी का जूस पीने से पथरी से बचाव हो सकता है।
किडनी की सबसे बड़ी पथरी कितने मिलीमीटर की होती है? | Gurde ki pathri ka ilaj
गुर्दे (gurde ki pathri ka ilaj) की पथरी का आकार बहुत भिन्न हो सकता है, और रेत के दाने जितना छोटा से लेकर गोल्फ की गेंद जितना बड़ा हो सकता है। रिकॉर्ड पर सबसे बड़ा गुर्दा पत्थर 20 सेंटीमीटर (लगभग 8 इंच) लंबाई में मापा गया था, और यह इतना बड़ा था कि इसे शल्यचिकित्सा से निकालना पड़ा।
अधिकांश गुर्दे की पथरी छोटी होती है और शल्य चिकित्सा हस्तक्षेप के बिना पारित की जा सकती है। 5 मिमी से कम व्यास वाले पत्थरों के अपने आप गुजरने की लगभग 70-80% संभावना होती है, और जो 4 मिमी से छोटे होते हैं, उनके बिना किसी हस्तक्षेप के गुजरने की संभावना अधिक होती है।
हालांकि, बड़ी पथरी के लिए सर्जिकल हस्तक्षेप या अन्य उपचार विकल्पों की आवश्यकता हो सकती है जैसे एक्स्ट्राकोर्पोरियल शॉक वेव लिथोट्रिप्सी (ईएसडब्ल्यूएल) जो पत्थरों को तोड़ने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है, या यूरेरोस्कोपी जहां पत्थरों को हटाने के लिए मूत्र पथ में एक छोटा दायरा डाला जाता है।
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खानपान और पथरी | pathri ka ilaj (Diet and kidney stones)
पथरी के रोगी को खानपान पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी होता है। उन्हें स्वस्थ खाने की आदतें डालनी चाहिए।
- पथरी से पीड़ित व्यक्ति को अपने आहार में नमक, मीठा और तला हुआ चीज नहीं खाना चाहिए। इससे खुराक में कैल्शियम बढ़ जाता है, जो पथरी के निर्माण में मदद करता है।
- पथरी के रोगी को अपने खाने का समय नियमित रखना चाहिए। वे खाने से पहले पानी ज़्यादा पी सकते हैं। इससे उनके खाने में मौजूद जीवाणुओं का नाश होता है।
- पथरी से पीड़ित व्यक्ति को अपने आहार में फल और सब्जियां शामिल करना चाहिए। इससे वे शरीर के लिए आवश्यक विटामिन, मिनरल और फाइबर को प्राप्त कर सकते हैं।
- पथरी से पीड़ित व्यक्ति को उबले हुए अंडे खाने से बचना चाहिए। इससे उन्हें ऑक्सलेट का निर्माण होता है, जो पथरी के निर्माण में मदद करता है।
Conclusion
समय-समय पर दवाओं का सेवन, पानी की अधिक मात्रा में सेवन और स्वस्थ खानपान के साथ रहना, पथरी के इलाज (pathri ka ilaj) में मुख्य तत्व होते हैं। अधिकतर मामलों में, यह उपाय पथरी से छुटकारा पाने में सहायक होते हैं। हालांकि, अगर पथरी बहुत बड़ी है या कुछ और समस्याएं हों तो चिकित्सक से संपर्क करना आवश्यक हो सकता है। समय पर इलाज करने से आप पथरी से निजात पा सकते हैं।